Bhajans Lyrics in Hindi - भजन लिरिक्स हिंदी में |
भज मन
नारायण
भजन
क्रम |
भजन |
Bhajans Lyrics |
1 |
आरती कुंज बिहारी की, श्री
गिरिधर कृष्ण मुरारी की |
Aarti Kunj Bihari Ki, Sri Giridhar Krishan
Murari Ki |
2 |
अब सौंप दिया इस जीवन का, सब भार
तुम्हारे हाथों में |
Ab Saump Diya Ish Jeewan Kaa |
3 |
अच्युतम केशवं कृष्ण
दामोदरं |
Achyutum Kesavam Krishn Daamodaram |
4 |
ऐसी लागी लगन, मीरा हो
गयी मगन |
Aisi Laagi Lagan Meri Ho Gayi Magan |
5 |
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर |
Aiso Chatak Matak So Thakur |
6 |
अपनी धुन में रहता हूँ
राधे राधे कहता हूँ |
Apni Dhun mein rahta hoon |
7 |
अपनी वाणी में अमृत घोल |
Apni Vaani Mein Amrit Ghol |
8 |
आदत बुरी सुधार लो, बस हो गया
भजन |
Aadat buri Sudhaar lo |
9 |
अविनयमपनय विष्णो |
Avinayamapnaya |
10 |
बनवारी रे, जीने का
सहारा तेरा नाम |
Banwari Re Jine Kaa Sahara Tera Naam Re |
11 |
बांके बिहारी मुझको देना
सहारा। |
Bankey Bihari Mujhko Dena Sahara |
12 |
भगवान मेरी नैया, उस पार
लगा देना |
Bhagwan meri naiya, us paar laga dena |
13 |
भजन बिना नर बावरे, तूने हीरा
जनम गवाया |
Bhajan bina nar baawre |
14 |
भक्ति के आँचल मैं ले लो |
Bhakthi ke aanchal mein le lo |
15 |
भरत भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं |
Bhart Bhai Kapi Se Urin Hum Naahi |
16 |
भये प्रगट कृपाला, दीनदयाला,
कौशल्या हितकारी। |
Bhaye Prakat Kripala, Deen Dayala |
17 |
भोले राम, आजा राम,
भोले राम, |
Bhole Raam Aaja Raam Bhole Raam |
18 |
बीच भंवर में फसी है नैया |
Bich Bhanvar mein fasi hai naiya |
19 |
बोलो बोलो कागा, मेरे राम
कब आएंगे |
Bolo Bolo Kaaga Mere Raam Kab Aayenge |
20 |
बृज के नंदलाला राधा के
सांवरिया |
Brij Ke Nandlaala, Radha Ke Saavriya |
21 |
चदरिया झीनी रे झीनी |
Chadriya Jheeni Re Jheeni |
22 |
छीन लिया मेरा भोला सा मन |
Cheen Liya Mera Bhola Sa Man |
23 |
चित न धरो |
Chit na dharo |
24 |
चोर चोर का सारे बिरज में |
Chor Chor ka saare brij mein |
25 |
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे
ग्वाल |
Choti Choti Gaiya, Chotey Chotey Gwaal |
26 |
धारा तो बह रही है श्री
राधा नाम की |
Dhara to beh rahi hai |
27 |
दुनिया चले ना श्री राम के बिना |
Duniya Chale naa Sri Raam Ke Bina |
28 |
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार |
Duniya se mein haara, toe aaya tere dwar |
29 |
इक जोगी आयो री तेरे द्वार |
Ek Jogi aayo ri tere dwar |
30 |
गोविन्द चले आओ, गोपाल चले
आओ |
Govind chale aao |
31 |
गोविन्द जय-जय गोपाल जय-जय |
Govind Jai Jai Gopaal Jai Jai |
32 |
गुरु मेरी पूजा गुरु
गोबिंद। |
Guru Meri Pooja, Guru Govinda |
33 |
हरि भज हरि भज रे, |
Hari bhaj hari bhaj re |
34 |
हरि नाम का, जाप करे
हम |
Hari naam ka jaap karein hum |
35 |
हरी नाम का प्याला |
Hari Naam Kaa Pyala |
36 |
हरि नाम सुमिर सुखधाम |
Hari Naam Sumir Sukhdhaam |
37 |
हरि शरणम्, हरि शरणम् |
Hari Sharnam |
38 |
हे दीनबंधु, हे
दीनानाथ |
Hai Deenbandhu hain deenanath |
39 |
हे नाथ अब तो ऐसी कृपा हो |
Hai Naath Ab Toe Aishi Kripa ho |
40 |
हे शारदे माँ, हे शारदे
माँ |
Hai Shaardey Maa, Hai Shaardey Maa |
41 |
हे रोम रोम मे बसने वाले
राम |
Hai Rom Rom Me Bas Ne Wale Ram |
42 |
हमारो धन राधा श्री राधा
श्री राधा |
Hamaro dhan Radha shri Radha shri Radha |
43 |
हृदय हमारा सिंघासन है |
Hriday hamara singhasan hain |
44 |
इतनी शक्ति हमें देना दाता |
Itni Shakthi Hamein dena Daata |
45 |
इतना तो करिये राघव |
Itna toe karna Raaghav |
46 |
इतना तो करना स्वामी |
Itna toe karna Swaami |
47 |
जय जय जय देवी जगदम्बा, |
Jai Jai Jai Devi Jagdamba |
48 |
जय जय राधावल्लभलाल |
Jai Jai Radhavallabh lal |
49 |
जय राधा माधव, जय कुंज
बिहारी |
Jai Radha Madhav Jai Kunj Bihari |
50 |
जय जय सुरनायक जन सुखदायक
प्रनतपाल भगवंता |
Jai Jai Surnayak, Jan Sukhdayak |
51 |
जब मैं भटक जाता हूँ पथ से |
Jab Mein Bhatak Jata hoon Path se |
52 |
जग में सुन्दर है दो नाम |
Jag Mein Sundar Hai Do Naam |
53 |
जैसे सूरज की गर्मी से
जलते हुए तन को |
Jaise Suraj Ki Garmi Se Jalte |
54 |
जनम तेरा बातों ही बीत गयो |
Janam Tera Baataon Hi Beet Gayo |
55 |
ज़री की पगड़ी बाँधे, सुंदर
आँखों वाला |
Jari Ki Pagdi Baandhey, Sunder Aankhon Wala |
56 |
जे तू ना फड़दा साढी बाहँ |
Je Tu naa phadaa Saadi Baanh |
57 |
जिन राम ना जाना क्या जाना |
Jin Raam naa Jaana kya jaana |
58 |
काजल भगवद प्रेम का, नैनो में
यूँ डाल |
Kaajal Bhagvat Prem kaa |
59 |
कहाँ जाके छुपा चितचोर |
Kahan jaake chupha chitchor |
60 |
कान्हा हैं चुपचाप तो
मुरली बोलेगी |
Kanha hai chupchaap toe murli bolegi |
61 |
कान्हा मधुबन में तुम आया
न करो |
Kanha Madhuban mein tum aaya na karo |
62 |
कन्हैया तुम्हे एक नजर
देखना है, |
Kanhaiya tumhe ik nazar dekhna hai |
63 |
करदो करदो बेडा पार, राधे
अलबेली सरकार |
Kardo Kardo Beda Paar |
64 |
कर्म को भक्तो बना के सीढ़ी |
Karmo ko bhakhti bana ke seedhi |
65 |
किशोरी इतना तो कीजो, लाड़ली
इतना तो कीजो, |
Kishori Itna Toe Kijay |
66 |
कोई कहे गोविंदा, कोई
गोपाला। |
Koi Kahe Govinda Koi Gopala |
67 |
कृष्णा जिनका नाम है |
Krishna Jinka Naam Hai |
68 |
लाडली अद्बुत नज़ारा, तेरे
बरसाने में है |
Laadli Adbhut Nazaraa Tere Barsane Mein Hai |
69 |
लागी लगन मत तोड़ना |
Laagi Lagan Mat Todna |
70 |
लाऊँ कहाँ से चाँद |
Laun kahan se chaand |
71 |
मन एक बार हरि बोल |
Mann Ek Baar Hari Bol |
72 |
माटी कहे कुम्हार से |
Maati Kahe Kumhar Se |
73 |
माई यशोदा जब कहे, माखन चोर
हैं ग्वाल, |
Maayee Yashodha jab kahey |
74 |
मधुराष्टकम - अधरं मधुरं
वदनं मधुरं |
Madhuraastkam - Adharam Madhuram |
75 |
मैला तन हैं, मैला मन
हैं |
Maila Tun hai maila mun hai |
76 |
मनमोहना, मोरा
कृष्णा |
Manmohana mera krishna |
77 |
मन तरपत हरी दर्शन को आज |
Man Tarpat Hari Darshan Ko |
78 |
मन्दिर मे रहते हो भगवन |
Mandir Mein Rahtey Ho Bhagwaan |
79 |
मेरा छोटा सा संसार, हरि आ जाओ
एक बार |
Mera Chota sa sansaar |
80 |
मेरा कोई ना सहारा बिन
तेरे |
Mera Koi Na Sahara |
81 |
मेरे गिनयो ना अपराध, लाडली
श्री राधे |
Mere Gineeyo naa apraadh laadli Shri Radhey |
82 |
मेरो लाला झूले पलना, नित होले
झोटा दीजो |
Mero Lala jhoolhe palna jara holey zota deejo |
83 |
मिलता है सच्चा सुख केवल, भगवान
तुम्हारे चरणों में |
Milta Hai Saacha Such Keval |
84 |
मुझे चरणों से लगा ले, मेरे
श्याम मुरली वाले |
Mujhe Charno Se Laga Le |
85 |
मुझे दे दो भजन वाली वो
माला। |
Mujhe De Do Bhajanwali Vo Mala |
86 |
मुझे तुमने दाता बहुत कुछ
दिया है, |
Mujhe Tumne Daata Bahut Kuch Diya Hai |
87 |
नाम जपन क्यों छोड़ दिया |
Naam Japan Kyo |
88 |
नाव करो मेरी पार, औ शंकर
भोला |
Naav Karo Meri Paar, O Shankar Bhola |
89 |
नन्हा सा फूल हूँ मैं |
Nanha sa phool hoon mein |
90 |
नटवर नागर नंदा, भजो रे मन
गोविंदा |
Natwar Naagar Nanda, bhajo re man Govinda |
91 |
ओ पालनहारे, निर्गुण
और न्यारे |
O Palanhaare, Nirgun O Nyaare |
92 |
ओम जय शिव ओंकारा। |
Om Jai Shiv Omkar |
93 |
पाप की मटकी तूने फोड़ी |
Paap Ki Matki Tumne Todhi |
94 |
पार करो मेरा बेडा भवानी |
Paar Karo Mera Beda Bhawani |
95 |
पकड़ लो हाथ बनवारी |
Pakad lo haath banwari |
96 |
पवन मंद सुगंध शीतल, हेम
मन्दिर शोभितम् |
Pawan Mundh Sugandh Sheetal |
97 |
प्रभुजी तुम चन्दन, हम पानी |
Prabhuji Tum Chandan Hum Paani |
98 |
प्रेम मुदित मन से कहो, राम राम
राम |
Prem Mudit Mun Se Kaho Raam Raam Raam |
99 |
राधा के मन में बस गये
श्याम बिहारी |
Radha ke mun mein bus gaye Shyaambihari |
100 |
राधा को नाम अनमोल, बोलो राधे
राधे, |
Raadha Ko Naam Anmol, Bolo Radhey Radhey |
101 |
रघुवर तुमको मेरी लाज । |
Raghuvar Tumko Meri Laaj |
102 |
रहे मेरे मुख में सदा तेरा
नाम |
Rahe mere Mukh pe sada tera naam |
103 |
राम चरण सुखदाई, राम चरण
सुखदाई |
Ram Charan Sukhdai |
104 |
राम नाम अति मीठा है |
Raam Naam Ati Meetha hai |
105 |
राम नाम के हीरे मोती, मैं बिखराऊँ
गली गली |
Ram Naam Ke Heeray Moti |
106 |
राम राम बोल राम राम, |
Raam Raam Bol, Raam Raam |
107 |
राम सरूप तुम्हार, बचन अगोचर
बुद्धिपर |
Raam Swaroop Tumhaar |
108 |
राम सिमर पछुताहिगा मन, |
Ram Simar Pachtaayega maan |
109 |
राम तुम बड़े दयालु हो |
Ram Tum Bade Dayalu Ho |
110 |
सांवरिया, मीठी मीठी
बाजे, मधुर तेरी बाँसुरिया |
Saavariya Meethi Meethi Baaje |
111 |
सर्वेषां स्वस्तिर्भवतु |
Sarvesham Swastir Bhavtu |
112 |
सतगुरु मैं तेरी पतंग, सतगुरु
मैं तेरी पतंग, |
Satguru Mein Teri Patang |
113 |
क्षमा करो तुम मेरे
प्रभुजी |
Shama Karo Tum Mere Prabhuji |
114 |
शिव कैलाशों के वासी |
Shiv Kailaaso Ke Vaasi |
115 |
शिव शंकर तेरी जटाओ से, बहती है
गंग धारा, |
Shiv Shankar Teri Jaatoye Se |
116 |
श्यामा तेरे चरणों की, राधे तेरे
चरणों की |
Shyama Tere Charno Ki |
117 |
श्याम तेरी बंसी पुकारे
राधा नाम |
Shyam Teri Bansi pukare radha naam |
118 |
सीता के राम, राधा के
श्याम |
Sita Ke Raam, Radha Ke Shyaam |
119 |
सीताराम सीताराम सीताराम
कहिये |
Sitaraam Sitaraam Sitaraam Kahiye |
120 |
श्री राधे गोविंदा, मन भज ले,
हरी का प्यारा नाम है |
Sri Radhey Govindha, Mann Bhaj Le |
121 |
श्रीरामचन्द्र कृपालु भजु
मन,
हरण भवभय दारुणम्। |
Sri Ram Chandra Kripalu Bhajman |
122 |
सुख के सब साथी दुखमें न कोई |
Sukh Ke Sab Saathi, Dukh Mein Naa Koi |
123 |
सुमिरन कर ले मेरे मना |
Sumiran karle mere mana |
124 |
सूरदास जी का इकतारा |
Surdasji ka ek tara, Mira ki Kartaal |
125 |
तन के तम्बूरे में, दो सांसो
की तार बोले |
Tan Ke Tamboore Mein Do |
126 |
तेरा पल पल बीता जाए |
Tera Pal Pal Bita Jaaye |
127 |
तेरा राम जी करेंगे बेडा
पार |
Tera Raam Ji Karenge Beda Paar |
128 |
तेरे चरण कमल में श्याम, लिपट जाऊं
रज बन के |
Tere Charan Kamal Mein Shyaam |
129 |
तू मने भगवान, इक वरदान
आपि दे |
Tu Mane bhagwaan ek vardaan vapi de |
130 |
तू तो काली रे कल्याणी है
माँ, |
Tu Toe Kaali Re Kalyaani Hai Maa |
131 |
तुम मेरी राखो लाज हरि |
Tum Meri Raakho Laaj Hari |
132 |
तुमने सब कुछ दिया भगवान् |
Tumne Sab Kuch Diya Bhagwan |
133 |
तुम संग मेरा रिश्ता कभी ना टूटे दया करो माँ, |
Tum Sang Mera Rishta |
134 |
उलझने घेर ले तो ना घबराइये, |
Uljhane Gher Le Toe Naa Ghabraiye |
1. आरती
कुंज बिहारी
की
आरती
कुंज बिहारी की, श्री गिरिधर
कृष्ण मुरारी की ।
गले में बैजंती
माला, बजावे मुरली
मधुर बाला,
श्रवण में कुंडल
झलकाला, नंद के आनंद
नंदलाला ।
गगन सम अंग
कांति काली, राधिका चमक रही
आली ।
लतन में ठाढ़े
बनमाली, भ्रमर सी अलक, कस्तूरी तिलक,
चंद्र सी झलक, ललित छवि श्यामा प्यारी की ।
श्री गिरिधर
कृष्ण मुरारी की ।
आरती कुंज
बिहारी की, श्री गिरिधर
कृष्ण मुरारी की ।
कनकमय मोर मुकुट
बिलसे, देवता दर्शन को
तरसे,
गगन सों सुमन राशि
बरसे, बजे मुरचंग, मधुर मिरदंग,
ग्वालिन संग, अतुल रति गोप कुमारी की,
श्री गिरिधर
कृष्णमुरारी की ।
आरती कुंज
बिहारी की, श्री गिरिधर
कृष्ण मुरारी की ।
जहां ते प्रकट
भई गंगा, कलुष कलि हारनि
श्री गंगा,
स्मरन ते होत
मोह भंगा, बसी शिव शीश, जटा के बीच,
हरै अघ कीच, चरन छवि श्री बनवारी की ।
श्री गिरिधर
कृष्णमुरारी की ।
आरती कुंज
बिहारी की, श्री गिरिधर
कृष्ण मुरारी की ।
चमकती उज्ज्वल
तट रेनू, बज रही वृंदावन
बेनू,
चहुं दिशि गोपि
ग्वाल धेनू, हंसत मृदु मंद, चांदनी चंद,
कटत भव फंद, टेर सुन दीन भिखारी की ।
श्री गिरिधर कृष्ण मुरारी की ।
आरती कुंज
बिहारी की, श्री गिरिधर
कृष्ण मुरारी की ।
आरती कुंज
बिहारी की, श्री गिरिधर
कृष्ण मुरारी की ।
2. अब सौंप दिया इस जीवन का
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों में
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में ।
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों में,
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में ।
मेरा निश्चय बस
एक यही, एक बार तुम्हे
मैं पा जाऊं,
अर्पण कर दूँ
दुनिया भर का, सब प्यार
तुम्हारे हाथों मे ।
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों में,
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में ।
जो जग में रहूँ, तो ऐसे रहूँ, जैसे जल में कमल का फूल रहे,
मेरे गुण दोष
समर्पित हों, भगवान तुम्हारे
हाथों में ।
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों में,
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में ।
यदि मानुष का
मुझकौ जनम मिले, तव चरणों का मै पुजारी बनू,
इस पूजक की एक
एक रग का, सब तार तुम्हारे
हाथों में ।
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों में,
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में ।
जब जब संसार का
कैदी बनू, निष्काम भाव से
कर्म करूँ,
फिर अंत समय में
प्राण तजू, निराकार
तुम्हारे हाथों में ।
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों में,
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में ।
मुझ में तुझ में
बस भेद यही, मैं नर हूँ, आप नारायण हो,
मैं हूँ संसार
के हाथों में, संसार तुम्हारे
हाथों में ।
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों मे
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में
अब सौंप दिया इस
जीवन का, सब भार तुम्हारे
हाथों में
है जीत तुम्हारे
हाथों में, और हार तुम्हारे
हाथों में
3. अच्युतम केशवं
कृष्ण दामोदरं
अच्युतम
केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम
नारायणं जानकी वल्लभं॥
कौन
कहता है भगवान,
आते नहीं,
तुम
मीरा के जैसे,
बुलाते नहीं।
अच्युतम
केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम
नारायणं जानकी वल्लभं॥
कौन
कहता है भगवान,
खाते नहीं,
बेर
शबरी के जैसे,
खिलाते नहीं।
अच्युतम
केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम
नारायणं जानकी वल्लभं॥
कौन
कहता है भगवान,
सोते नहीं,
माँ
यशोदा के जैसे,
सुलाते नहीं।
अच्युतम
केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम
नारायणं जानकी वल्लभं॥
कौन
कहता है भगवान नाचते नहीं,
गोपियों
की तरह तुम नचाते नहीं।
अच्युतम
केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम
नारायणं जानकी वल्लभं॥
अच्युतम
केशवं कृष्ण दामोदरं,
राम
नारायणं जानकी वल्लभं॥
4. ऐसी लागी लगन
है आँख वो जो श्याम का
दर्शन किया करे। है शीश जो
प्रभु चरण में वंदन किया
करे। बेकार वो मुख
है जो रहे व्यर्थ
बातों में। मुख वो है जो
हरि नाम का सुमिरन किया
करे॥ हीरे मोती से
नहीं शोभा है हाथ
की। है हाथ जो
भगवान् का पूजन किया
करे॥ मर के भी अमर
नाम है उस जीव का जग
में। प्रभु प्रेम
में बलिदान जो जीवन किया
करे॥
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। वो तो गली गली,
हरि गुण गाने लगी॥ ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। वो तो गली गली
हरि गुण गाने लगी॥
महलों में पली,
बन के जोगन चली। महलों में पली,
बन के जोगन चली। मीरा रानी
दीवानी कहाने लगी॥ ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। वो तो गली गली
गली गली, हरि गुण गाने
लगी॥
ऐसी लागी लगन |
कोई रोके नहीं,
कोई टोके नहीं, मीरा गोविन्द
गोपाल गाने लगी। कोई रोके नहीं,
कोई टोके नहीं, मीरा गोविन्द
गोपाल गाने लगी। बैठी संतो के
संग, रंगी मोहन के
रंग, मीरा प्रेमी
प्रीतम को मनाने लगी। वो तो गली गली
हरि गुण गाने लगी॥
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। वो तो गली गली
हरि गुण गाने लगी॥ महलों में पली, बन के जोगन चली। मीरा रानी
दीवानी कहाने लगी॥
ऐसी लागी लगन
राणा ने विष
दिया, मानो अमृत
पिया, मीरा सागर में
सरिता समाने लगी। राणा ने विष
दिया, मानो अमृत
पिया, मीरा सागर में
सरिता समाने लगी। दुःख लाखों
सहे, मुख से
गोविन्द कहे, मीरा गोविन्द
गोपाल गाने लगी। वो तो गली गली
हरि गुण गाने लगी॥
ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। वो तो गली गली
हरि गुण गाने लगी॥ महलों में पली,
बन के जोगन चली। मीरा रानी
दीवानी कहाने लगी॥ ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। ऐसी लागी लगन,
मीरा हो गयी मगन। |
5. ऐसो चटक
मटक सो
ठाकुर
ऐसो चटक मटक सो
ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय
ऐसो चटक मटक सो
ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय
तीनों लोकन हूँ
में नाय, तीनों लोकन हूँ
में नाय
ऐसो चटक मटक सो
ठाकुर, तीनों लोकन हूँ
में नाय ।
तीन ठौर ते टेढ़ो
दिखे,
नट किसी चलगत यह
सीखे,
टेड़े नैन चलावे
तीखे,
सब देवन को देव, सब देवन को देव
तऊ ये ब्रज में
घेरे गाय ।
ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में
नाय ।
ब्रह्मा मोह
कियो पछतायो,
दर्शन को शिव
ब्रज में आयो,
मान इंद्र को
दूर भगायो,
ऐसो वैभव वारो, ऐसो वैभव वारो,
तऊ ये ब्रज में
गारी खाए ।
ऐसो चटक मटक सो
ठाकुर, तीनों लोकन हूँ
में नाय ।
बड़े बड़े असूरन
को मारयो,
नाग कालिया पकड़
पछाड़ो,
सात दिना तक
गिरिवर धारयो,
ऐसो बलि तऊ, ऐसो बलि तऊ,
खेलत में ग्वालन पे पीट जाय ।
ऐसो चटक मटक सो
ठाकुर, तीनों लोकन हूँ
में नाय ।
रूप छबीलो है
ब्रज सुंदर,
बिना बुलाए डोले
घर घर,
प्रेमी ब्रज
गोपीन को चाकर
ऐसो प्रेम बढ्यो, ऐसो प्रेम बढ्यो,
माखन की चोरी
करवे जाए ।
ऐसो ऐसो चटक मटक
सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ
में नाय,
ऐसो ऐसो चटक मटक
सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ
में नाय ।
तीनों लोकन हूँ
में नाय, तीनों लोकन हूँ
में नाय,
हो सखी, ऐसो चटक मटक सो ठाकुर, तीनों लोकन हूँ में नाय ।
ऐसो चटक मटक सो
ठाकुर, तीनों लोकन हूँ
में नाय (2) ।
6. अपनी धुन
में रहता
हूँ राधे
राधे कहता
हूँ
अपनी
धुन में रहता हूँ राधे राधे कहता हूँ (3)
राधे
राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
जबसे
तेरा नाम लिया मेरा जीवन जैसा बदल गया (४)
मारा
मारा फिरता था मुझे एक
ठिकाना मिल गया
भक्ति
में अब रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ
राधे
राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
राधे
राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
तेरी
कृपा से श्री राधे, रसिकन का मोहे संग
मिला
ठोकर
खाने वाला था तब गुरुदेव
ने आके थाम लिया
मैं
संत शरण मैं रहता हूँ, राधे राधे
कहता हूँ (२)
मैं
गुरु शरण मैं रहता हूँ, राधे राधे
कहता हूँ (२)
श्री
राधे राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
श्री
राधे राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
ना
जाने दुनिया भर के,
सब कारज कैसे होते है
जो
नहीं लेते जो नाम तेरा, वो जाने कैसे जीते है
हम
राधे शरण मैं रहते है, राधे राधे
कहते है
श्री
राधे राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
श्री
राधे राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
कहे
तुम्हारा दास, मैं तुम्हरी
आस लगाए बैठा हूँ
सुध
बुध सब बिसराकर, तुम्हरी
भक्ति करने बैठा हूँ
तुम्हरी
भक्ति में अब रहता हूँ, राधे राधे कहता हूँ
श्री
राधे राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
श्री
राधे राधे, राधे राधे, राधे राधे श्री राधे (3)
7. अपनी वाणी में अमृत घोल,
अपनी वाणी में
अमृत घोल,
अपनी वाणी में
अमृत घोल,
ओ रसना राधे
राधे बोल ।
ये बोल बड़े
अनमोल,
ओ रसना राधे
राधे बोल ।
राधाजी बरसाने
वाली, राधाजी वृषभानु
दुलारी ।
राधाजी बरसाने
वाली, राधाजी वृषभानु
दुलारी ।
दो अक्षर आधार
जगत के, दो अक्षर आधार
जगत के,
ये अक्षर अनमोल
।
ओ रसना राधे
राधे बोल, रसना राधे राधे
बोल ।
अपनी वाणी में
अमृत घोल,
अपनी वाणी में
अमृत घोल,
ओ रसना राधे
राधे बोल, रसना राधे राधे
बोल ।
राधाजी महारास
रचावे, राधाजी नन्दलाल
नचावे ।
राधाजी महारास
रचावे, राधाजी नन्दलाल
नचावे ।
इस छवि को भर कर
नयनन में, इस छवि को भर कर
नयनन में,
अन्तर के पट खोल
।
ओ रसना राधे
राधे बोल, रसना राधे राधे
बोल ।
अपनी वाणी में
अमृत घोल, अपनी वाणी में
अमृत घोल ।
ओ रसना राधे
राधे बोल, रसना राधे राधे
बोल ।
बिन राधा नहीं
सजे बिहारी, बिन राधा नहीं
मिले बनवारी ।
बिन राधा नहीं सजे बिहारी, बिन राधा नहीं मिले बनवारी ।
इनके चरण पकड़ ले
नादां, इनके चरण पकड़ ले
नादान,
भटक न दर दर डोल
।
ओ रसना राधे
राधे बोल, रसना राधे राधे
बोल ।
अपनी वाणी में
अमृत घोल, अपनी वाणी में
अमृत घोल ।
ओ रसना राधे
राधे बोल, रसना राधे राधे
बोल ।
रसना राधे राधे
बोल ।
राधे बोल, राधे बोल, राधे, राधे, राधे, राधे ।
ये बोल बड़े
अनमोल, ओ रसना राधे
राधे बोल ।
रसना
राधे राधे बोल, रसना राधे राधे बोल ।
8. आदत
बुरी सुधार
लो, बस हो
गया भजन
आदत
बुरी सुधार लो, बस हो
गया भजन
आदत
बुरी सुधार लो, बस हो
गया भजन
बस
हो गया भजन, बस हो
गया भजन
हो
गया भजन, बस हो
गया भजन
आदत
बुरी सुधार लो, बस हो गया भजन
दृष्टि
में तेरी खोट है, दुनिया निहार ले
(2)
गुरुज्ञान
अंजन सार लो, बस हो
गया भजन (2)
हो
गया भजन, बस हो
गया भजन (2)
दुनिया
तुम्हे बुरा कहे पर तुम करो
क्षमा
वाणी
को भी सुधार लो,
बस हो गया भजन
वाणी
को भी सुधार लो,
बस हो गया भजन
हो
गया भजन, बस हो
गया भजन (2)
विषयो
की तीर्व आग में जलता
ही जा रहा
(2)
मन
की तरंग मार लो बस हो
गया भजन (2)
हो
गया भजन, बस हो
गया भजन (2)
रिश्तो
से मोह त्याग कर, कृष्णा से प्रेम
कर (2)
इतना
ही मन विचार लो बस
हो गया भजन (2)
हो
गया भजन, बस हो
गया भजन (2)
जाना
है सब को एक
दिन, दुनिया को त्याग
के
जीवन
को तुम संभाल लो, बस हो
गया भजन
हो
गया भजन, बस हो
गया भजन (2)
अविनयमपनय
अविनयमपनय विष्णो
दमय मनः शमय विषयमृगतृष्णाम् ।
भूतदयां विस्तारय तारय संसारसागरतः॥
दिव्यधुनीमकरन्दे
परिमलपरिभोगसच्चिदानन्दे ।
श्रीपतिपदारविन्दे भवभयखेदच्छिदे वन्दे ॥
सत्यपि भेदापगमे नाथ
तवाहं न मामकीनस्त्वम् ।
सामुद्रो हि तरङ्गः क्वचन समुद्रो न तारङ्गः ॥
उद्धृतनग नगभिदनुज
दनुजकुलामित्र मित्रशशिदृष्टे ।
दृष्टे भवति प्रभवति न भवति किं भवतिरस्कारः ॥
मत्स्यादिभिरवतारैरवतारवतावता
सदा वसुधाम् ।
परमेश्वर परिपाल्यो भवता भवतापभीतोहम् ॥
दामोदर गुणमन्दिर
सुन्दरवदनारविन्द गोविन्द ।
भवजलधिमथनमन्दर परमं दरमपनय त्वं मे॥
नारायण करुणामय शरणं
करवाणि तावकौ चरणौ ।
इति षट्पदी मदीये वदनसरोजे सदा वसतु ॥
9.
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनियावालों से क्या काम रे
झूठी दुनिया, झूठे बंधन, झूठी है ये
माया
झूठा साँस का आना जाना, झूठी है ये काया
यहाँ साचों तेरो नाम रे
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनियावालों से क्या काम रे
रंग में तेरे रंग गयी गिरधर,
छोड़ दिया जग सारा
बन गयी तेरे प्रेम की जोगन,
लेकर मन इकतारा
मुझे प्यारा तेरा धाम रे
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनियावालों से क्या काम रे
दर्शन तेरा जिस दिन पाऊँ,
हर चिंता मिट जाये
जीवन मेरा इन चरणों में,
आस की ज्योत जलाये
मेरी बाह पकड़ लो श्याम रे,
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनियावालों से क्या काम रे
बनवारी रे, जीने का सहारा तेरा नाम रे
मुझे दुनियावालों से क्या काम रे
10. बांके बिहारी मुझको देना सहारा।
बांके बिहारी मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये ना
दामन तुम्हारा॥
तेरे सिवा दिल
में समाएं ना कोई,
लगन का ये दीपक बुझायें ना कोई।
तू ही मेरी कश्ती, तू ही है किनारा,
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
बाँके बिहारी
मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
तेरे नाम का गान गाता रहूँ मै,
सुबह शाम तुझको रिझाता रहूँ मै।
तेरा नाम है मुझको प्राणों से प्यारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
बांके बिहारी
मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
तेरे रास्ते से
हटाती है दुनिया,
इशारों से मुझको बुलाती है दुनिया।
देखूं न हरगिज़ मै दुनिया का इशारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
बांके बिहारी
मुझको देना सहारा।
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा॥
बड़ी भूल की जो
मै दुनिया में आया,
मूल भी ख़ोया और ब्याज भी गँवाया।
दुनिया में मुझको ना भेजना दोबारा,
कही छूट जाये न दामन तुम्हारा॥
बांके बिहारी
मुझको देना सहारा
कही छूट जाये ना दामन तुम्हारा
भक्ति के
आँचल मैं
ले लो
तुम अपना
यह मुखड़ा
भक्ति
के आँचल मैं ले लो तुम
अपना यह मुखड़ा
माँ
की ममता जैसी ठंडक मिट जाए सब दुखड़ा
भक्ति
के आँचल मैं ले लो तुम
अपना यह मुखड़ा
माँ
की ममता जैसी ठंडक मिट जाए सब दुखड़ा
(3)
भक्ति
के आँचल मैं सब कुछ
भक्ति
के आँचल मैं सब कुछ
जो
मांगे मिल जाये
जो
मांगे मिल जाये
जो
मांगे मिल जाये
सुन्दर
तन हो निर्मल मन हो
जीवन
यह खिल जाए
जीवन
यह खिल जाए
जीवन
यह खिल जाए
भक्ति
फल का ले लो
भैया जो मिल जाए
टुकड़ा
जो
मिल जाए टुकड़ा
भक्ति
के आँचल मैं ले लो तुम
अपना यह मुखड़ा
माँ
की ममता जैसी ठंडक मिट जाए सब दुखड़ा
भक्ति
के आँचल मैं ले लो तुम
अपना यह मुखड़ा
सहज
है भक्ति का पथ प्यारे, जो भी चाहे चलना
जो
भी चाहे चलना
जो
भी चाहे चलना
सहज
है भक्ति का पथ प्यारे, जो भी चाहे चलना
जो
भी चाहे चलना
प्रभु
भक्ति का जो पलना
है उसमे ही है पलना
उसमे
ही है पलना
उसमे
ही है पलना
राम
श्याम का मंत्र है प्रमुख
फिर काहे का झगड़ा
भक्ति
के आँचल मैं ले लो तुम
अपना यह मुखड़ा
माँ
की ममता जैसी ठंडक मिट जाए सब दुखड़ा
भक्ति
के आँचल मैं ले लो तुम
अपना यह मुखड़ा
यह
माँ तो जननी होती
है
प्रभु
है जनक जगत के
प्रभु
है जनक जगत के
प्रभु
है जनक जगत के
प्रभु
का सुमिरन जो करता है
हरि है उसी भगत
के
हरि
है उसी भगत के
हरि
है उसी भगत के
पार
उतर गए वो जिसने
नारायण आँचल पकड़ा
भक्ति
के आँचल मैं ले लो तुम
अपना यह मुखड़ा
माँ
की ममता जैसी ठंडक मिट जाए सब दुखड़ा (2)
भगवान मेरी
नैया उस
पार लगा
देना
भगवान
मेरी नैया, उस पार
लगा देना
अब
तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना
हम
दिन दुखी निर्बल, एक नाम
रहे प्रतिपल
यह
सोच दरस दोगे, प्रभु आज नही
तो कल
जो
बाग लगाया है, फूलो से
सज़ा देना
भगवान
मेरी नैया उस पार लगा
देना
अब
तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना
तुम
शांति सुधाकर हो, तुम ज्ञान
दिवाकर हो
मम
हंस चुगे मोती, तुम मान
सरोवर हो
दो
बूँद सुधा रस की,
हम को भी पिला
देना
भगवान
मेरी नैया उस पार लगा
देना
अब
तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना
रोकोगे
भला कब तक,
दर्शन को मुझे तुमसे
चरणों
से लिपट जाऊँ, वृक्षो की लता
जैसे
अब
द्वार खड़ी तेरे, मुझे राह
दिखा देना
भगवान
मेरी नैया उस पार लगा
देना
अब
तक तो निभाया है,
आगे भी निभा देना
भजन बिना
नर बावरे, तूने
हीरा जनम
गवाया
भजन
बिना, भजन बिना
भजन
बिना, भजन बिना
भजन
बिना, भजन बिना
भजन
बिना नर बावरे,
तूने हीरा जनम गवाया
रे
तूने हीरा जनम गवाया
कभी
ना आया संत शरण में (2)
कभी
ना हरि गुण गाया
तूने
कभी ना हरि गुण
गाया
तूने
हीरा जनम गवाया
रे
तूने हीरा जनम गवाया
भजन
बिना, भजन बिना
भजन
बिना नर बावरे,
तूने हीरा जनम गवाया
रे
तूने हीरा जनम गवाया
ये
संसार धूल से मल का
शोभा
देख लुभाया
रह
गए मर मिट बैल
के नाइ
भोर
भई उठ ढाया
तूने
हीरा जनम गवाया
रे
तूने हीरा जनम गवाया
भजन
बिना, भजन बिना
भजन
बिना नर बावरे,
तूने हीरा जनम गवाया
रे तूने हीरा जनम गवाया
ये
जग है माया का
लोभी
ममता
महल बनाया
कहत
कबीर सुनो भई साधु
हाथ
कुछ नहीं आया
तेरे
हाथ कुछ नहीं आया
तूने
हीरा जनम गवाया
रे
तूने हीरा जनम गवाया
भजन
बिना, भजन बिना
भजन
बिना नर बावरे,
तूने हीरा जनम गवाया
रे
तूने हीरा जनम गवाया
भरत भाई, कपि
से उरिन
हम नाहीं
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं,
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं,
कपि
से उरिन हम नाहीं,
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं ।
सौ
योजन, मर्याद समुद्र की,
ये
कूदी गयो छन माहीं ।
लंका
जारी, सिया सुधि
लायो,
पर
गर्व नहीं मन माहीं ।
कपि
से उरिन हम नाहीं,
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं ।
शक्तिबाण,
लग्यो लछमन के,
हाहाकार
भयो दल माहीं ।
धौलागिरी,
कर धर ले आयो,
भोर
ना होने पाई ।
कपि
से उरिन हम नाहीं,
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं ।
अहिरावन
की भुजा उखारी,
पैठी
गयो मठ माहीं ।
जो
भैया, हनुमत नहीं होते,
मोहे, उलहतो जग माहीं ।
कपि
से उरिन हम नाहीं,
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं ।
आज्ञा
भंग, कबहुं नहिं कीन्हीं, जहाँ पठायु तहाँ जाई,
तुलसीदास,
पवनसुत महिमा,
प्रभु
निज मुख करत बड़ाई ।
कपि
से उरिन हम नाहीं,
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं ।
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं,
कपि
से उरिन हम नाहीं,
भरत
भाई, कपि से
उरिन हम नाहीं ।
भये प्रगट
कृपाला, दीनदयाला
भये
प्रगट कृपाला, दीनदयाला, कौशल्या
हितकारी।
हर्षित
महतारी, मुनि मन
हारी, अद्भुत रूप विचारी
॥ १ ॥
लोचन
अभिरामा, तनु घनश्यामा,
निज आयुध भुज चारी।
भूषण
गल माला, नयन विशाला, शोभासिंधू खरारी ॥ २ ॥
कह
दुई कर जोरी,
अस्तुति तोरी, कही बिधि
करू अनंता।
माया
गुण ज्ञानातीत अमाना, वेद पुरान
भनंता ॥ ३ ॥
करुना
सुखसागर, सब गुण
आगर, जेहि गावाहिं
श्रुति संता।
सो
मम हित लागी, जन अनुरागी, भयौ प्रगट श्रीकंता ॥ ४ ॥
ब्रहमांड
निकाय, निर्मित माया,
रोम रोम प्रति वेद कहे।
मम
उर सो बासी,
यह उपहासी, सुनत धीर
मति थिर न रहे ॥
५ ॥
उपजा
जब गयाना, प्रभु मुस्काना, चरित
बहुत बिधि कीन्ह चहे।
कही
कथा सुहाई, मातु बुझाई, जेहि प्रकार सूत प्रेम लाहे ॥ ६ ॥
माता
पुनि बोली, सो मति
डोली, तजहु तात
यह रूपा।
कीजै
शिशु लीला, अति प्रियशीला,
यह सुख परम अनूपा ॥ ७ ॥
सुनी
वचन सुजाना, रोदन ठाना, होई बालक सुरभूपा।
यह
चरित जे गावही,
हरिपद पावही, तेहिं ना परहिं
भवकूपा ॥ ८ ॥
दोहा:-
विप्र
धेनु सुर संत हित लीन्ह मनुज अवतार |
निज
इच्चा निर्मित तनु माया गुण गोपार ||
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
जन्म सफल होगा रे बन्दे,मन में राम बसा ले,
(2)
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
हे राम नाम के मोती को, सांसो की माला
बना ले,
मन में राम बसा ले,
राम पतित पावन करुणाकर, और सदा सुख दाता,
(2)
सरस सुहावन, अति मनभावन, राम से प्रीत लगा ले,
मन में राम बसा ले,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
मोह माया है झूठा बन्धन, त्याग उसे तू प्राणी,
(2)
राम नाम की ज्योत जला कर, अपना भाग जगा ले,
मन में राम बसा ले,
राम भजन में डूब के अपनी, निर्मल कर ले काया,
(2)
राम नाम से प्रीत लगा के, जीवन पार लगा ले,
मन में राम बसा ले,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
भोले राम, आजा राम, भोले राम,
बीच भंवर
में फसी
है नैया
बीच
भंवर में फसी है नैया
पार
लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया
पार
लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया
नैया
पार लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया (2)
ओ
नैया पार लगा दो मोरे बंसी
बजैया
नैया
पार लगा मोरे मेरे बंसी बजैया
तेरा
ही भरोसा प्रभु, तेरा ही
सहारा
दर
पे खड़ा है स्वामी, भक्त
ये तुम्हारा
साथ
ना छोड़ो प्रभु, पास है
किनारा
पास
है किनारा प्रभु, पास है
किनारा
तुम्ही
हो नैया तुम्ही खिवैया
पार
लगा दो मोरे कृष्णा
कन्हैया (2)
नैया
पार लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया (2)
जब
जब विपदा आन पड़ी है
तुम्ही
ने स्वामी मेरी पीड़ा हरी है
जग
में ना कोई मेरा, तू ही हरि है
स्वामी
तू ही हरि है
मात
पिता तुम, तुम ही
हो भैया
पार
लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया (2)
नैया
पार लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया (2)
ओ
नैया पार लगा दो मोरे बंसी
बजैया
नैया
पार लगा मेरे बंसी बजैया
चाहे
तू बिगड़े प्रभु, चाहे तू
सँवारे
द्वार
पर खड़े है देखो सारे
दुखियारे
तुम
ही हो जग के
पालनहारे
वृन्दावन
के रास रचैया
पार
लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया (2)
बीच
भंवर में फसी है नैया
पार
लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया (2)
पार
लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया
नैया
पार लगा दो मोरे कृष्ण
कन्हैया (4)
बोलो बोलो कागा, मेरे राम कब आएंगे
बोलो बोलो कागा, मेरे राम कब आएंगे
बोलो बोलो कागा, मेरे राम कब आएंगे
दुखिया की झोपड़ी के, भाग्य जग जाएँगे
बोलो बोलो कागा, मेरे राम कब आएंगे
आए नहीं राम जी, लगाई कहाँ देर रे
आए नहीं राम जी, लगाई कहाँ देर रे
चुन चुन पंछी (बर्तन) मैंने,
राखे मीठे बेर रे
बलि बलि जाऊँगी मैं, राम जब आएँगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
दुखिया की झोपड़ी के भाग्य जग जाएँगे
लादे रे कागा, मेरे राम की खबरिया,
लादे रे कागा, मेरे राम की खबरिया,
आएँगे धनुष धारी, कौन सी डगरिया
अखियाँ बिछा दूँगी मैं, राम जब आएँगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
दुखिया की झोपड़ी के भाग्य जग जाएँगे
भोले भाले दौनो भैया, बड़े ही रिझावर हैं
टूटी हुई नौका के, वो ही पतवार हैं
मुझ सी अभागन को, पार कब लगाएँगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
दुखिया की झोपड़ी के भाग्य जग जाएँगे
राम की लगन में मैं, मगन हूँ मैं काग रे
जनमो पुरानी पूरी, हो जाए आस रे,
बिगड़ी बनाने मेरी, दरस कब दिखाएंगे,
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
दुखिया की झोपड़ी, के भाग्य जग जाएँगे
बोलो बोलो कागा मेरे राम कब आएंगे
बृज के नंदलाला, राधाजी के सांवरिया,
बृज के नंदलाला, राधाजी के सांवरिया,
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
बृज के नंदलाला, राधाजी के सांवरिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
मीरा पुकारी जब, गिरिधर गोपाला
ढल गया अमृत में, विष का भरा प्याला
कौन मिटाए उसे, जिसे तूने राखे लिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया।
नंदलाला, नंदलाला, नंदलाला, नंदलाला,
बृज के नंदलाला, राधाजी के सांवरिया,
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
जब तेरी गोकुल
में,
आया दुख भारी
एक इशारे से, सब विपदा टारी
झुक गय इंद्र जब, गोवेर्धन धार लिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
बृज के नंदलाला, राधाजी के सांवरिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
नैंनों में
श्याम बसे, मन में बनवारी
सुध बिसराये गई, मुरली की धुन प्यारी
मेरे मन मंदिर
में,
रास रचाओ पिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
बृज के नंदलाला, राधाजी के सांवरिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
देख रहे हो तुम, मेरे दुखड़े सारे
कब दर्शन दोगे, अँखियो के तारे
अधरों पे मुरली, काँधे पे कावरिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
बृज के नंदलाला, राधाजी के सांवरिया
सब दुःख दूर हुए, जब तेरा नाम लिया
चदरिया झीनी रे झीनी
कबीरा जब हम पैदा हुए, जग हँसे, हम रोये,
ऐसी करनी कर चलो, हम हँसे, जग रोये
चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी, चदरिया झीनी रे झीनी
अष्ट-कमल का चरखा बनाया, पांच
तत्व की बुनी,
नौ दस मास बुनन को लागे, मूरख मैली किन्ही
चदरिया झीनी रे झीनी, के राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी
जब मोरी चादर बन घर आई,
रंगरेज को दीन्हि,
ऐसा रंग रंगा रंगरे ने,
के लालो लाल कर दीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी, के राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी
चादर ओढ़ शंका मत करियो,
ये दो दिन तुमको दीन्हि
मूरख लोग भेद नहीं जाने,
दिन-दिन मैली कीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी, के राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी
ध्रुव-प्रह्लाद सुदामा ने ओढ़ी,
शुकदेव ने निर्मल कीन्हि
दास कबीर ने ऐसी ओढ़ी,
ज्यूँ की त्यूं धर दीन्हि
चदरिया झीनी रे झीनी, राम नाम रस भीनी,
चदरिया झीनी रे झीनी, चदरिया झीनी रे झीनी
छीन लिया मेरा
भोला सा मन,
छीन लिया मेरा
भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
छीन लिया मेरा
भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
गोकुल का ग्वाला, ब्रज का बसैया,
सखियों का मोहन, माँ का कन्हैया ।
भक्तो का जीवन, निर्धन का धन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
छीन लिया मेरा
भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
यमुना के जल में
वही श्याम खेले,
लहरों में उछले
और मारे धनेरे ।
बिछुङन कभी होवे
मोहन मिलन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
छीन लिया मेरा
भोला सा मन,
राधा रमण प्यारो
राधा रमण ।
जा कर के देखा
मंदिर के अंदर,
बैठा वही बाबा
वो श्याम सुन्दर ।
कुंडल वरन और
तिरछी चलन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
छीन लिया मेरा
भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
छीन लिया मेरा
भोला सा मन,
राधा रमण, प्यारो राधा रमण ।
चित न
धरो
चित
न धरो, चित न
धरो,
चित
न धरो, चित न
धरो,
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
दया
के सागर गिरिधर नागर
दया
के सागर गिरिधर नागर
खाली
पड़ी है मेरी गागर
खाली
पड़ी है मेरी गागर
अमृत
रस से भरो
चित
न धरो, चित न
धरो,
चित
न धरो, चित न
धरो,
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
सब
जग ढूँढा तुझे ना पाया
कौन
है अपना कौन पराया
ये
तो मेरी समझ ना आया
सब
जग ढूँढा तुझे ना पाया
कौन
है अपना कौन पराया
ये
तो मेरी समझ ना आया
बुद्धिहीन
बालक भरमाया
ज्ञान
प्रकाश करो
चित
न धरो, चित न
धरो,
चित
न धरो, चित न
धरो,
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
दया
के सागर गिरिधर नागर
खाली
पड़ी है मेरी गागर
अमृत
रस से भरो
चित
न धरो, चित न
धरो,
चित
न धरो, चित न
धरो,
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
तू
ही तो है मीत
हमारा
मैंने
प्रभुजी तुमको पुकारा
खाली
झोली प्रभुजी मेरी
दे
दो भिक्षा करो ना देरी
करुणा
हाथ धरो
चित
न धरो, चित न
धरो,
चित
न धरो, चित न
धरो,
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
दया
के सागर गिरिधर नागर
खाली
पड़ी है मेरी गागर
अमृत
रस से भरो
चित
न धरो, चित न
धरो,
चित
न धरो, चित न
धरो,
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
प्रभुजी
मोरे अवगुण चित न धरो
चोर चोर
का सारे
बिरज में
आज मच
गया शोर
चोर
चोर का सारे बिरज
में आज मच गया
शोर,
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
दौड़े
आये गोप गोपियाँ सब मोहन के
पीछे,
लेकिन
वो चढ़ गए कदम्ब
पे, रह गए
सारे नीचे
नीचे
आओ कृष्ण कन्हाई शोर है चारो और,
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
चोर
चोर का सारे बिरज
में आज मच गया
शोर
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
है
हाथो में गिरधारी के उन सखियों
की लाज,
रास
रचाये जिनके संग वो कितनी व्याकुल आज
बाँधी
नटखट बनवारी से सम्मोहन की डोर,
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
चोर
चोर का सारे बिरज
में आज मच गया
शोर,
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
कंस
पूतना शिशुपाल भी जिनसे गए थे
हार,
वही
कन्हैया मैया के हाथो पीटने
तैयार
श्री
कृष्ण की लीलाओ का होता
और ना शोर,
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
चोर
चोर का सारे बिरज
में आज मच गया
शोर
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
चोर
चोर का सारे बिरज
में आज मच गया
शोर
कृष्णा
कन्हैया नन्द का लाला बन
गया माखन चोर
बन
गया माखन चोर, बन गया
माखन चोर
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल
छोटो सो मेरो
मदन गोपाल, छोटो सो मेरो
मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।
आगे आगे गैया, पीछे पीछे ग्वाल,
आगे आगे गैया, पीछे पीछे ग्वाल,
बीच में मेरो
मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।
कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल,
कारी कारी गैया, गोरे गोरे ग्वाल,
श्याम वरण मेरो
मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।
घास खावे गैया, दूध पीवे ग्वाल,
घास खावे गैया, दूध पीवे ग्वाल,
माखन खावे मेरो
मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।
छोटी छोटी लकुटी, छोटे छोटे हाथ,
छोटी छोटी लकुटी, छोटे छोटे हाथ,
बंसी बजावे मेरो
मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।
छोटी छोटी
सखियाँ, मधुबन बाग़,
छोटी छोटी
सखियाँ, मधुबन बाग़,
रास रचावे मेरो
मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल, छोटो सो मेरो मदन गोपाल ।
छोटी छोटी गैया, छोटे छोटे ग्वाल। छोटो सो मेरो मदन गोपाल॥
धारा तो
बह रही
है श्री
राधा नाम
की
उल्टा
जपत जग जाना,
वाल्मीकि भये ब्रहम समाना
राधा
राधा जपत ही, सब व्याधा
मिट जाए
कोटि
जनम की आपदा श्री
राधा नाम मिटाये
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की
धारा
धारा धारा धारा, राधा राधा
राधा राधा (2)
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की
हम
हो गए दीवाने श्री राधा
नाम के (2)
सूझे
कुछ और नाही बृन्दावन
धाम के (2)
सूझे
कुछ और नाही श्री
राधा नाम के (2)
हम
हो गए दीवाने श्री राधा
नाम के (3)
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की (3)
राधा
के नाम का ये,
साया घना घना है (2)
हर
क्षण हृदय में रहती राधा की कल्पना है
आते
नजर बिहारी संग राधा नाम के
हम
हो गए दीवाने श्री राधा
नाम के (3)
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की (3)
अब
भी समय है मुरख,
बुद्धि से काम ले
ले (2)
तर
जाएगा ये जीवन,
श्री राधा नाम ले ले
नश्वर
है तेरा जीवन, बिन राधा
नाम के (2)
हम
हो गए दीवाने श्री राधा
नाम के (3)
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की (3)
इंसान
भूल है तो,
राधा क्षमा दया है
राधा
चरण मिले तो, सोने की
धुल क्या है
ब्रह्मा
भी सर झुका दे, इस राधा नाम पे
हम
हो गए दीवाने श्री राधा
नाम के (3)
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की (3)
विश्वास
चाहता है तो बोल
धारा धारा
तुझको
सुनायी देगा खुद आप राधा राधा
धारा
धारा धारा धारा, राधा राधा
राधा राधा (2)
जादू
अजब जुड़ा है संग राधा
नाम के
हम
हो गए दीवाने श्री राधा
नाम के (3)
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की (3)
धारा
तो बह रही है
श्री राधा नाम की
हम
हो गए दीवाने श्री राधा
नाम के (2)
धारा
धारा धारा धारा राधा राधा राधा राधा (10)
दुनिया चले ना श्री राम के बिना
दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना,
दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना।
राम जी चले ना हनुमान के बिना। राम जी चले ना हनुमान के बिना।
[2]
जब से रामायण पढ़ ली है, एक बात मैंने समझ ली है, (2)
रावण मरे ना श्री राम के बिना, लंका जले ना हनुमान के बिना॥ (2)
दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के
बिना। (2)
लक्ष्मण का बचना मुश्किल था, कौन बूटी लाने के काबिल था, (2)
लक्ष्मण बचे ना श्री राम के बिना, बूटी मिले ना हनुमान के
बिना॥(2)
दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के
बिना।
सीता हरण की कहानी सुनो, प्रभुभक्तों की जुबानी सुनो, (2)
वापिस मिला ना श्री राम के बिना, पता चले ना हनुमान के बिना॥ (2)
दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के
बिना।
बैठे सिंघासन पे श्री राम जी, चरणों में बैठे हैं हनुमान जी, (2)
मुक्ति मिले ना श्री राम के बिना, भक्ति मिले ना हनुमान के बिना॥ (2)
दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के बिना,
दुनिया चले ना श्री राम के बिना, राम जी चले ना हनुमान के
बिना।
राम जी चले ना हनुमान के बिना। राम जी चले ना हनुमान के बिना।
[2]
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ।
सुख में प्रभुवर तेरी याद ना आयी,
दुःख में प्रभुवर तुमसे प्रीत लगाई ।
सारा दोष हैं मेरा, मैं करता हूं स्वीकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ।
मेरा तो क्या हैं, मैं तो पहले से हारा,
तुमसे ही पूछेगा ये संसार सारा ।
डूब क्यों नैय्या, तेरे रहते खेवनहार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ।
सबकुछ लुटा, बस लाज बची हैं,
तुमपे ही बाबा मेरी आस बंधी हैं ।
सुना हैं तुम सुनते हो, हम जैसो की पुकार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ।
जिसको बताया मैंने अपना फ़साना,
सबने बताया मुझको, तेरा ठिकाना,
मैंने तुमको माना हैं माता पिता परिवार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥
दुनिया से मैं हारा तो आया तेरे द्वार,
यहां से गर जो हारा, कहां जाऊंगा सरकार ॥
इक जोगी आयो री तेरे द्वार (Shivji in Gokul)
इक जोगी आयो री तेरे द्वार,
दिखा दे मुख लाल का,
इक जोगी आयो री तेरे द्वार,
दिखा दे मुख लाल का,
मैया, दिखा दे मुख लाल का,
तेरे पलने में पालनहार,
तेरे पलने में पालनहार,
दिखा दे मुख लाल का,
री मैया दिखा दे मुख लाल का,
लिए अँखियों में प्यास जोगी करे अरदास,
बड़ी दूर से आयो लेके दरस की आस,
माई ऐसो संजोग न टाल,
दिखा दे मुख लाल का,
री मैया दिखा दे मुख लाल का,
अतस्त्वमोङ्कारमकार रूपं,
परात्परं सत्यपरं त्रिसत्यम्।
योगीश्वरो वा, जगदीश्वरो वा,
त्वं कृष्ण रूपं मनसा स्मरामि।।
मेरे नैना भये हैं निहाल,
दिखा दे मुख लाल का
प्यासे नैना भये हैं निहाल,
निरख मुख लाल का,
री मैया, निरख मुख लाल का,
रखले हीरे मोती तेरे,
ये पत्थर किस काम के मेरे,
जोगी हो गया मालामाल,
दिखा दे मुख लाल का,
मे तो हो गया मालामाल,
दिखा दे मुख लाल का,
इक जोगी आयो री तेरे द्वार,
दिखा दे मुख लाल का,
मैया, दिखा दे मुख लाल का,
तेरे पलने में पालन हार,
तेरे पलने में पालन हार,
दिखा दे मुख लाल का,
री मैया दिखा दे मुख लाल का !!
गोविन्द चले
आओ, गोपाल चले
आओ
गोविन्द
चले आओ, गोपाल चले आओ
मुरलीधर
माधव, आनंद चले
आओ
गोविन्द
चले आओ, गोपाल चले आओ
मुरलीधर
माधव, आनंद चले
आओ
सुनते
है राधावर भक्तो की सुनते हो
तुम
भक्त के हो भगवन
दुनिया को दिखा जाओ
गोविन्द
चले आओ, गोपाल चले आओ
मुरलीधर
माधव, आनंद चले
आओ
आँखो
में बसे हो तुम,
धड़कन में धड़कते है
कुछ
ऐसा करो भगवन, सांसो में समा
जाओ
गोविन्द
चले आओ, गोपाल चले आओ
मुरलीधर
माधव, आनंद चले
आओ
गोविन्द
चले आओ, गोपाल चले आओ
मुरलीधर
माधव, आनंद चले
आओ
आस
आपके मिलन की, मेरे मन
ने लगा ली है
अपने
भजन में लगाओ, और पार
पहुंचाओ
गोविन्द
चले आओ, गोपाल चले आओ
मुरलीधर
माधव, आनंद चले
आओ
गोविन्द
चले आओ, गोपाल चले आओ
मुरलीधर
माधव, आनंद चले
आओ
गोविन्द जय जय, गोपाल जयजय
गोविन्द जय जय गोपाल जय जय।
राधारमण हरि, गोविन्द जय जय॥
गोविन्द जय जय, गोपाल जय जय।
राधा रमण हरि, गोविन्द जय जय॥
ब्रह्माकी जय जय, विष्णूकी जय जय।
उमापति शिवशंकर की जय जय॥
गोविन्द जय जय, गोपाल जय जय।
राधा रमण हरि, गोविन्द जय जय॥
राधाकी जय जय, रुक्मनि की जय जय।
मोर मुकुट बन्सीवाले की जय जय॥
गोविन्द जय जय, गोपाल जय जय।
राधा रमण हरि, गोविन्द जय जय॥
गंगा की जय जय, यमुना की जय जय।
सरस्वती, त्रिवेणी की जय जय॥
गोविन्द जय जय, गोपाल जय जय।
राधा रमण हरि, गोविन्द जय जय॥
राम जी की जय जय, श्याम जी की जय जय।
दशरथ कुँवर चारों भैयों की जय जय॥
गोविन्द जय जय, गोपाल जय जय।
राधा रमण हरि, गोविन्द जय जय॥
कृष्णा की जय जय, लक्ष्मीकी जय जय।
कृष्ण बलदेव दोनों भइयोंकी जय जय॥
गोविन्द जय जय, गोपाल जय जय।
राधा रमण हरि, गोविन्द जय जय॥
गोविन्द जय जय, गोपाल जय जय।
राधा रमण हरि, गोविन्द जय जय॥
गुरु मेरी
पूजा, गुरु
गोविंदा,
गुरु
मेरी पूजा, गुरु गोविंदा,
गुरु
मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंता
।
गुरु
मेरा देव, अलख अभेव,
सरब
पूज्य, चरण गुरु
सेवू ।
गुरु
बिन अवर, नहीं मैं
ध्याउ,
अन
दिन जपो, गुर गुर
नाओ ।
गुरु
मेरी पूजा, गुरु गोविंदा,
गुरु
मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंता
।
गुरु
मेरा ग्यान, गुरु ह्रदय
ध्यान,
गुरु
गोपाल, पुरख भगवान्
।
गुरु
की सरन, रहूँ कर
जोर,
गुरु
बिना मैं नाही होर ।
गुरु
बोहित, तारे भव
पार,
गुरु
सेवा, ते यम
छुटकार ।
गुरु
मेरी पूजा, गुरु गोविंदा,
गुरु
मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंता
।
अन्धकार
में, गुरु मन्त्र
उजारा,
गुरु
कै संग, सगल निस्तारा
।
गुरु
पूरा, पाईये वडभागी,
गुरु
की सेवा, दुःख ना
लागी ।
गुरु
का सबद, ना मेटे
कोई,
गुरु
नानक, नानक हर
सोए ।
गुरु
मेरी पूजा, गुरु गोविंदा,
गुरु
मेरा पारब्रह्म, गुरु भगवंता
।
हरि भज हरि भज रे,
ॐ श्री कुंजविहारिणे नमः
हरि भज हरि भज रे,
मन छांडि दे मान नर तन कौ,
मन छांडि दे मान नर तन कौ
हरि भज हरि भज रे,
मन छांडि दे मान नर तन कौ
मन छांडि दे मान नर तन कौ
मति वंछै मति वंछै रे, तिल तिल धन कौ
हरि भज हरि भज रे,
मन छांडि दे मान नर तन कौ,
मन छांडि दे मान नर तन कौ
अन मांग्यौ आगै आवेंगो, ज्यों पल पल लागै पल कौ
हरि भज हरि भज रे,
मन छांडि दे मान नर तन कौ
मन छांडि दे मान नर तन कौ
कहें श्री हरिदास मीच ज्यों आवे, ज्यों
धन है आपन कौ
हरि भज हरि भज रे,
मन छांडि दे मान नर तन कौ
मन छांडि दे मान नर तन कौ
हरि नाम
का, जाप करे
हम
हरि
नाम का, जाप करे
हम
मोक्ष
मिलेगा वंदन से
हरि
नाम का, जाप करे
हम
मोक्ष
मिलेगा वंदन से
हम
चाहे यदि अपनी मुक्ति
जनम
मरण के बन्धन से
हम
चाहे यदि अपनी मुक्ति
जनम
मरण के बन्धन से
भक्ति
योग का मार्ग सरल है
भक्ति
योग रस पीना है (4)
दास
बने हम हरी चरणों
के
चरणों
में ही जीना है
अमृत
रस हम पा ही
लेंगे
श्याम
क्षीर मन मंथन से
हरि
नाम का, जाप करे
हम
मोक्ष
मिलेगा वंदन से
हरि
नाम का, जाप करे
हम
मोक्ष
मिलेगा वंदन से
हम
चाहे यदि अपनी मुक्ति
जनम
मरण के बन्धन से
हम
चाहे यदि अपनी मुक्ति
जनम
मरण के बन्धन से
परम
पदों को पा जाए
हम
पद
पाए परम सुखों का
सब
पीड़ा हरी हर लेंगे
फिर हटेगा बोझ